अपराध

हनी ट्रैप में फंसा कर मांगे एक करोड़ रुपए

 

गुरुग्राम न्यूज़ नेटवर्क – साइबर सिटी गुरुग्राम के डी.एल.एफ. फेस-3 थाने में दिल्ली के रहने वाले एक युवक ने एक लिखित शिकायत के माध्यम से बतलाया कि वो दिल्ली में एक कम्पनी मे काम करता है। इसके साथ ही चीफ अकाऊन्टैट के पद पर काम करने वाले इसके दोस्त को यू-ब्लोक, गुरुग्राम में रहने वाली एक लङकी ने अपने चंगुल में फसा लिया। 3 अक्टूबर को उस लङकी ने उसे अपने कमरे पर बुलाया और 4 तारीख को उस लङकी ने इसके दोस्त के खिलाफ थाना डी.एल.एफ. फेस-3 में बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवा दिया। जब इसे व इसके एक अन्य दोस्त को यह पता चला कि एक लङकी ने इनके दोस्त को झूठे बलात्कार में मुकदमें में फसा दिया है तो ये दोनों उस लङकी से 5 अक्टूबर को मिलने डी.एल.एफ. फेस-3 गए और उस लङकी ने इनसे कहा कि वह 164 सी.आर.पी.सी. के बयान कराने जाएगी, यदि इन लोगों को इस मुकदमें से बचना है तो रुपयों का इन्तजाम कर लो और कल आकर अंसल प्लाजा सैक्टर-23 में मिलो। यह अभी अपने बयान रुकवा देगी। उस दिन उस लङकी ने अदालत में जाकर अपने ब्यान देने से मना कर दिया।

6 तारीख को उस लङकी के बताए गए समय पर और जगह पर ये अपने दोस्त के साथ पहुंच गया और उस लङकी से बातचीत की तो उस लङकी ने इनसे 01 करोङ रुपयों की मांग की, जिसकी इन्होनें वाईस रिकार्डिग कर ली। दो दिन बाद इसके मोबाईल फोन पर एक युवक का फोन आया जिसने अपना परिचय उस लङकी का वकील बताते हुए कराया और फोन पर इसे कहने लगा कि बलात्कार के मुकदमें में वह इनका बीच बचाव कराते हुए राजीनामा करवा देगा और इनकी इज्जत बच जाएगी। इसके बाद उस वकील से इनकी लगातार बात होने लगी और ये उससे मिलने दिल्ली भी गए तो वकील ने इनसे 17 लाख रुपयों की माँग की। इसकी भी इनके द्वारा रिकार्डिग की गई। उससे अगले दिन उस वकील जब इनकी तरफ से कोई जबाव नही आया तो वकील ने इन्हें फोन करके इनसे 12 लाख में बात तय की है। झूठा केस दर्ज कराकर वह लङकी इसके दोस्त से पैसे ऐठना चाहती है।

इस शिकायत पर थाना डी.एल.एफ. फेस-3, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए उक्त शिकायतकर्ता को कहा कि वह 1 लाख रुपयों की नगदी व 10 लाख रुपयों का चैक देने के लिए उन्हें अन्सल प्लाजा सैक्टर-23 में बुलाए। उससे पहले पुलिस टीम द्वारा शिकायतकर्ता द्वारा उस लङकी के वकील को दिए जाने वाले रुपयों पर थाना प्रबन्धक ने अपने छोटे हस्ताक्षर किए व चैक के नम्बर नोट कर लिए और उनको पैसे देने के लिए भेज दिया।

इसी दौरान थाना डी.एल.एफ. फेस-3, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने बिना किसी देरी के एक रेडिंग टीम का गठन किया और शिकायतकर्ता को बताए गए स्थान पर पुलिस टीम ने नजर रखनी शुरु कर दी। आरोपी लङकी व उसके साथी शिकायतकर्ता से बातचीत करते रहे और कुछ देर बाद आरोपित युवती धारा 164 सी.आर.पी.सी. के बयान देने कोर्ट में चली गई। जिस महिला पुलिस अधिकारी द्वारा आरोपित युवती के बयान कराने थे उस महिला पुलिस अधिकारी से रेडिंग पुलिस टीम ने फोन पर आरोपित युवती के बारे में पता किया तो उसने बताया कि वह 164 सी.आर.पी.सी. के बयान के लिए कोर्ट में पहुंच गई है और वह बयान दे रही है। कुछ देर बाद फिर से इस बारे में पता किया गया तो महिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह युवती बयान दे चुकी है।

आरोपित युवती द्वारा कोर्ट में बयान देने की बात उसने अपने साथियों को बता दी तो शिकायतकर्ता ने 1 लाख रुपए नगद व 10 लाख रुपयों का चैक ( जिन रुपयों व चैक के नम्बर पहले ही पुलिस ने नोट किए हुए थे) आरोपित युवती के साथियों को दे दिए और उन्होनें उन 1 लाख रुपयों व 10 लाख रुपए के चैक को अपने बैग में डाल लिया। इसी दौरान पुलिस रेडिंग टीम ने वहां से 2 महिलाओं व 1 युवक को रंगे हाथ काबू कर लिया व कोर्ट में आरोपित युवती को बयान कराने गई पुलिस अधिकारी को सुचित किया गया कि बयान कराने के बाद आरोपित युवती को अन्सल प्लाजा सैक्टर-23 लेकर आने के लिए कहा गया तो वह उसे वहां पर काबू करके ले आई।

आरोपियों से पुलिस टीम द्वारा नाम पता पूछा तो आरोपियों ने अपना नाम शाहाना पुत्री शाहिद हुसैन निवासी खेतानाङी मण्डोर रोङ जोधपुर, राजस्थान हाल निवासी यू-ब्लोक डी.एल.एफ. फेस-3, गुरुग्राम, उम्र 24 वर्ष, सैय्यद राहत अली जैदी पुत्र सैय्यद सोफ्त अली निवासी मकान नं. 687 कैला भट्टा, थाना कोतवाली, जिला गाजियाबाद, उत्तर-प्रदेश, (उक्त वारदात को अन्जाम देने में शामिल आरोपी वकील गाजियाबाद कोर्ट में प्रक्टिस करता है), अल्का पत्नी मोहम्मद हारिश निवासी ए-30 धर्म कालोनी, गीता प्रोपर्टी वाली गली, पालम विहार, गुरुग्राम, सीमा पत्नी स्व. बलदेव राज निवासी मकान नं. 838 सैक्टर-7 एक्सटेन्शन, गुरुग्राम के रहने वाले बताया ।

पुलिस टीम द्वारा उक्त आरोपियों को काबू करके आरोपियों के खिलाफ थाना डी.एल.एफ. फेस-3, गुरुग्राम में उपरोक्त शिकायत पर कानून की उचित धाराओं के तहत अभियोग अंकित करके आरोपियों को अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया।

पुलिस टीम द्वारा उक्त अभियोग में शिकायतकर्ता द्वारा आरोपियों को दी गई 1 लाख रुपयों की नगदी व 10 लाख रुपयों का चैक आरोपियों के कब्जा से बरामद किया गया।

आरोपियों को 15 अक्टूबर को माननीय अदालत के सम्मुख पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अभियोग अनुसंधानाधीन है।

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